वर्ष-18, अंक-14(16-31 जुलाई, 2015)
मध्य प्रदेश सरकार के व्यापम घोटाले की चर्चा इस समय आम है। खासकर इससे सम्बन्धित मौतों ने सबका ध्यान खींचा है और इस पर हाय-तौबा मची है।
लेकिन इसके साथ यह भी सच है कि इस घोटाले को अप्रतिम, बेनजीर या अपनी तरह का अनोखा बताने की कोशिश की जा रही है। कांगे्रस पार्टी द्वारा ऐसा किये जाने का तो वाजिब कारण है पर पूंजीवादी प्रचारतंत्र और अन्य लोग भी इसे इसी रूप में पेश कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के व्यापम घोटाले की चर्चा इस समय आम है। खासकर इससे सम्बन्धित मौतों ने सबका ध्यान खींचा है और इस पर हाय-तौबा मची है।
लेकिन इसके साथ यह भी सच है कि इस घोटाले को अप्रतिम, बेनजीर या अपनी तरह का अनोखा बताने की कोशिश की जा रही है। कांगे्रस पार्टी द्वारा ऐसा किये जाने का तो वाजिब कारण है पर पूंजीवादी प्रचारतंत्र और अन्य लोग भी इसे इसी रूप में पेश कर रहे हैं।