भारतीय सेना के द्वारा दो नौजवानों की हत्या
वर्ष-17,अंक-22(16-30 नवम्बर, 2014)
भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीरी नागरिकों की हत्याओं का सिलसिला जारी है। 2 नवंबर को बड़गाम जिले के छतरग्राम चैकपोस्ट पर सेना के जवानों द्वारा मारूति कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी। कार में सवार चार नौजवानों में से दो नौजवानों फैजल अहमद बट व मेहराजुद्दीन डार की मौके पर ही मौत हो गयी। शेष दो नौजवान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।
सेना ने कुछ किंतु-परंतु लगाकर अपनी गलती स्वीकार की है तथा मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी की है। सेना का कहना है कि उनके पास सूचना थी कि सफेद मारूति में आतंकवादी आ रहे हैं। उन्होंने गाड़ी को हाथ दिया परंतु गाड़ी नहीं रोकी गयी। इस कारण कार पर गोलियां चलायी गयीं। सेना ने उक्त घटना की जांच करने की बात कही है तथा चैकपोस्ट पर तैनात जवानों को वहां से हटा दिया गया है।
सेना की गोली से घायल हुए अस्पताल में भर्ती छात्र जाहिद अयूब और शाकिर अहमद ने बताया कि वे मोहर्रम के जुलूस में शिरकत करके आ रहे थे तथा तेज रफ्तार में थे। रास्ते में सेना के जवान ने हाथ देकर रोका, उन्हें देखने के बाद कुछ आगे हमने ज्योंही कार को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हमारे ऊपर फायरिंग कर दी। हमसे कहा कि हथियार हमारे हवाले कर दो। कार की तलाशी के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। फैजल व मेहराजुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गयी।
वर्ष-17,अंक-22(16-30 नवम्बर, 2014)
भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीरी नागरिकों की हत्याओं का सिलसिला जारी है। 2 नवंबर को बड़गाम जिले के छतरग्राम चैकपोस्ट पर सेना के जवानों द्वारा मारूति कार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी। कार में सवार चार नौजवानों में से दो नौजवानों फैजल अहमद बट व मेहराजुद्दीन डार की मौके पर ही मौत हो गयी। शेष दो नौजवान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।
सेना ने कुछ किंतु-परंतु लगाकर अपनी गलती स्वीकार की है तथा मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी की है। सेना का कहना है कि उनके पास सूचना थी कि सफेद मारूति में आतंकवादी आ रहे हैं। उन्होंने गाड़ी को हाथ दिया परंतु गाड़ी नहीं रोकी गयी। इस कारण कार पर गोलियां चलायी गयीं। सेना ने उक्त घटना की जांच करने की बात कही है तथा चैकपोस्ट पर तैनात जवानों को वहां से हटा दिया गया है।
सेना की गोली से घायल हुए अस्पताल में भर्ती छात्र जाहिद अयूब और शाकिर अहमद ने बताया कि वे मोहर्रम के जुलूस में शिरकत करके आ रहे थे तथा तेज रफ्तार में थे। रास्ते में सेना के जवान ने हाथ देकर रोका, उन्हें देखने के बाद कुछ आगे हमने ज्योंही कार को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हमारे ऊपर फायरिंग कर दी। हमसे कहा कि हथियार हमारे हवाले कर दो। कार की तलाशी के बाद घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। फैजल व मेहराजुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गयी।