वर्ष-18, अंक-19 (01-15 अक्टूबर, 2015)
16-17 सितम्बर 2015 की रात को नेपाल की संविधान सभा ने दो तिहाई बहुमत से नेपाल का नया संविधान पारित कर दिया। 20 सितम्बर को राष्ट्रपति के इस पर हस्ताक्षर करने के साथ ही यह संविधान लागू हो गया और संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गया और वह अगले चुनाव तक संसद में तब्दील हो गयी। यह संसद अब अपने नये अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, सरकार को तय करेगी।
संविधान सभा के 598 सदस्यों में से 532 सदस्य नये संविधान पर मतदान के वक्त मौजूद थे। इनमें से 507 ने संविधान के पक्ष में मत दिया और 25 ने संविधान के विरोध में मत दिया। संविधान के पक्ष में मतदान करने वाले नेपाली कांग्रेस, नेकपा एमाले व एनेकपा(माओवादी) प्रमुख थे, विरोध में मत देने वाली राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी थी जबकि मधेसी पार्टियों के लगभग 64 सदस्य संविधान सभा का बहिष्कार कर रहे थे।
16-17 सितम्बर 2015 की रात को नेपाल की संविधान सभा ने दो तिहाई बहुमत से नेपाल का नया संविधान पारित कर दिया। 20 सितम्बर को राष्ट्रपति के इस पर हस्ताक्षर करने के साथ ही यह संविधान लागू हो गया और संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गया और वह अगले चुनाव तक संसद में तब्दील हो गयी। यह संसद अब अपने नये अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, सरकार को तय करेगी।
संविधान सभा के 598 सदस्यों में से 532 सदस्य नये संविधान पर मतदान के वक्त मौजूद थे। इनमें से 507 ने संविधान के पक्ष में मत दिया और 25 ने संविधान के विरोध में मत दिया। संविधान के पक्ष में मतदान करने वाले नेपाली कांग्रेस, नेकपा एमाले व एनेकपा(माओवादी) प्रमुख थे, विरोध में मत देने वाली राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी थी जबकि मधेसी पार्टियों के लगभग 64 सदस्य संविधान सभा का बहिष्कार कर रहे थे।