इराक का संकट लम्बा और गहराता जा रहा है। अमेरिकी साम्राज्यवादी पुनः इराक में आक्रामक मुद्रा में आ गये हैं। अमेरिकी बमवर्षक विमान इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक और अल शाम (आईएसआईएस) के कब्जे वाले शहरों पर बम बरसा रहे हैं। यह कोई छुपी हुयी बात नहीं है कि कुछ वर्ष पूर्व इस संगठन को अमेरिका, इजरायल, सऊदी अरब व कतर ने खड़ा किया था।
इराक की अमेरिका समर्थित वर्तमान सरकार को बदलने के लिए अमेरिका ने घृणित हथकण्ड़ों का सहारा लिया है। इराक के राष्ट्रपति फौद मासूम ने नूरी अल मलिकी की सरकार को हटा दिया है और हैदर अल-एबादी को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। अमेरिका बहुत दिनों से मलिकी की सरकार को हटाना चाहता था। इराक के वर्तमान संकट का दोषी वह मलिकी को मानता है। अमेरिका के अनुसार मलिकी ने सुन्नियों को सत्ता में भागीदारी न देकर इस संकट को जन्म दिया है। इस तरह से अमेरिका अपने घृणित अपराधों को अपने देश और दुनिया की जनता से छिपा ले जाना चाहता है।
आईएसआईएस ने आतंकवादियों ने इराक में कुर्दों के इलाकों में भी भारी तबाही मचायी हुयी है। यजीदियों के साथ उनके क्रूर व्यवहार की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। आईएसआईएस ने ऐसा ही क्रूर व्यवहार पिछले महीनों में सीरिया में भी किया था। तब पश्चिमी मीडिया लगभग चुप्पी साध गया था।
इराक के वर्तमान संकट के लिए पूरे तौर पर अमेरिकी साम्राज्यवाद जिम्मेदार है। 1991 से अब तक किये हस्तक्षेप में लाखों की संख्या में इराकी आम नागरिक और अनगिनत मासूम बच्चे मारे जा चुके हैं। इराक का सामाजिक तानाबाना पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गया है इराक की गैस व तेल सम्पदा पर कब्जा करने के बाद अब वह बगुला भगत बन रहा है।
अल मलिकी फिलहाल सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे अपने समर्थित सुरक्षा बलों व शिया मिलिशिया को सड़कों पर उतार चुके हैं। देश की सेना, अमेरिकी साम्राज्यवाद, प्रमुख शिया समूहों और ईरान का समर्थन हैदर अल-एबादी के साथ है। इस तरह से इराक में शासक वर्ग का संकट खूनी संघर्ष में बदलने की ओर भी जा सकता है। मलिकी अपने राजनीतिक कैरियर की लड़ाई लड़ रहे हैं। जो परिस्थितियां हैं उसमें मलिकी को ही पीछे हटना पड़ेगा।
इराक में जनता अमेरिकी साम्राज्यवाद व सत्ता लोलुप इराकी शासकों के साथ सुन्नी आतंकवादियों और शिया लड़ाकों के जाल में फंसी हुयी है। सही और क्रांतिकारी नेतृत्व के अभाव के कारण उसके दुख और कष्ट का कोई अंत नहीं दिखायी दे रहा है।
No comments:
Post a Comment